ख़ामोशी 4:34 am "ख़ामोशी " का बवंडर लगता है, ये लब्जो का भार, जैसे, शमां की चिंगारी न दिखती है ,किसी को , सब उसकी रोशनी को देखते हे , पर ये न जाने...